किडनी सिस्ट का आयुर्वेदिक उपचार - Ayurvedic Treatment for Kidney Cyst
किडनी में सिस्ट का होना आपके शरीर को कई सारी परेशानियां दे सकता है| सिस्ट एक तरह का पानी से भरा एक बुलबुला होता है जो आपकी किडनी में किसी भी कारण हो सकता है| इसका कोई एक खास कारण नहीं होता| जब यह सिस्ट बड़े हो जाते हैं, तो यह किडनी के काम में रुकावट डालते हैं| जिसके कारण किडनी में समस्या बढ़ जाती है|
किडनी सिस्ट के प्रकार:-
किडनी सिस्ट 2 प्रकार के होते हैं -
- सिंपल सिस्
- काम्प्लेक्स सिस्ट
सिंपल सिस्ट में किडनी पर बने हुए सिस्ट में पानी से भरा हुआ होता है और काम्प्लेक्स सिस्ट में किडनी में बने सिस्ट में कुछ वेस्ट मटेरियल होता है| यह किडनी के लिए काफी नुकसानदायक होता है| किडनी में सिस्ट कहीं भी बन सकते हैं| वो चाहे किडनी के अन्दर हों या फिर किडनी के बाहर| जब किडनी में सिस्ट बन जाते हैं तो इससे किडनी का आकर बड़ा हो जाता है और इससे किडनी के काम में दबाव आने लगता है| जिससे किडनी अपना काम ठीक से नहीं कर पाती और किडनी धीरे धीरे डैमेज हो जाती है|
apply ayurvedic medicine and treatment for kidney cyst problemकिडनी का काम:-
किडनी का मुख्य काम खून का शुद्धिकरण और अपशिष्ट व विषैले पदार्थ को बाहर निकालना होता हैं किडनी आपके भोजन से मिनिरल्स और विटामिन प्राप्त करके शरीर के अन्य हिस्सों में भेजने का काम करती है और बाकी बचा हुआ वेस्ट जिसको क्रिएटिनिन कहते हैं इसको शरीर से बाहर निकालने का काम करती है| कभी कभी गलत खानापान के करण किडनी संक्रिमित हो जाती है जिस करण किडनी अपना कार्य ठीक से नहीं कर पाती और वेस्ट क्रिएटिनिन किडनी में भारी मात्रा में जमा होता हैं| जिससे किडनी (ayurvedic treatment for kidney cyst) में कई प्रकार की परेशानियां होने लगती है|
किडनी सिस्ट के लक्षण:-
- जिनकी किडनी में सिस्ट की परेशानी होती है उन्हें अक्सर पेट और कमर में असहनीय दर्द होता है|
- ऐसा भी हो सकता है कि पेट में गाँठ या पेट का आकार बढ़ जाये|
- कभी कभी आपको यूरिन में ब्लड भी हो सकता है|
- यूरिन रिलीज़ करने में आपको परेशानी हो सकती है|
- आपको किडनी में सिस्ट होने की वजह से हमेशा हल्का-हल्का बुखार बना रहे|
- हमेशा सिर दर्द और चक्कर आने की स्थिति हो सकती है|
- किडनी में सिस्ट के कारण यूरिन की नली में संक्रमण हो सकता है|
- कई बार कमर में अचानक से असहनीय दर्द भी हो सकता है|
किडनी सिस्ट में डाइट में शामिल करें:-
चेरी:-
किडनी में सिस्ट की परेशानी को दूर करने के लिए आप चेरी का सेवन करें| चेरी एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव से भरपूर होती है| इसका सेवन आपके ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है जिससे आपकी किडनी के काम में दबाव नहीं आता| इसके साथ ही चेरी का सेवन आपके रक्त को साफ़ करता है, और जब आपका रक्त साफ़ रहता है तो इससे किडनी के काम में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आती|
सेब:-
रोजाना के आहार में आप सेब को शामिल कर सकते हैं| सेब में अधिक मात्रा में फाइबर होता है जो किडनी के लिए फायदेमंद होते हैं| अगर आप नियमित मात्रा में सेब का सेवन करते हैं तो इससे कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है, जिससे आपका ब्लड साफ़ रहता है| जिसे आपका ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है जिससे किडनी के काम में कोई परेशानी नहीं आती|
पपीता:-
किडनी में सिस्ट के अलावा कोई भी परेशानी हो तो आप अपनी डाइट में पपीते का सेवन कर सकते हैं| अगर आप अपनी डाइट में पपीते का सेवन करते हैं तो यह आपकी किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करता है| साथ ही इसका सेवन आपको पेट से जुड़ी हर परेशानी से बचाता है| इसका सेवन आपकी किडनी को अन्दर से साफ़ रखने में मदद करता है जिससे आपकी किडनी डिटॉक्स होती है| पपीते में सही मात्रा में विटामिन्स और एमिनो एसिड की मात्रा होती है जो किडनी सिस्ट रोग को बढ़ने नहीं देती|
किडनी सिस्ट में हम सभी फलों का सेवन करना चाहिए और साथ ही आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि अपनी डाइट में ऐसा कोई भी आहार न लें जो आपके क्रिएटिनिन लेवल को बढ़ा देता है| आपको ऐसे फल और सब्जी का सेवन करना चाहिए जिसमें पानी की मात्रा हो| क्योंकि जब आपके शरीर में सही मात्रा में पानी होगा तो किडनी अपना काम ठीक से कर पाएगी और इससे आपकी किडनी में किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं पड़ेगा!
ayurvedic is the best treatment for the child nephroitc syndrome problemकिडनी सिस्ट के लिए सबसे बेहतर उपाय है कि आप इसके लिए आयुर्वेदिक इलाज़ लें| क्योंकि आयुर्वेदिक इलाज़ सबसे सुरक्षित है जिसका आपकी किडनी पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता| एलॉपथी में आपको किडनी के लिए सिर्फ डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट ही एक मात्र आप्शन होता है| लेकिन अगर आप इसके लिए आयुर्वेदिक इलाज़ लेते हैं तो यहाँ आपको आयुर्वेदिक दवाइयों और आपके आहार में बदलाव करने की सलाह दी जाती है|
आयुर्वेदिक इलाज़ पूरी तरह प्राकर्तिक है जिसका आपके शरीर में कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होता| आप अपने आहार में बदलाव के साथ साथ रोजाना योग और व्यायाम कर सकते हैं| किडनी सिस्ट के मरीज़ सिर्फ वही योग करें जिसके लिए डॉक्टर ने आपको कहा हो और साथ ही आप सुबह शाम कम से कम 20 मिनट टहलने की आदत डालें| इस तरह आप अपनी किडनी में आई खराबी से दूर रह सकते हैं|
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